Text auf dem Bild: "DIE RÄUBER" in großer Schrift. Darunter steht: "REGIE: FRAU CEC GYMNASIUM RAHLSTEDT" und "EINE PRODUKTION DES THEATERENSEMBLES."

थिएटर प्रदर्शन कक्षा 10 "द रॉबर्स", मंगलवार, 03 जून 2025 को शाम 6:00 बजे एट्रियम में

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हम तेज़ समयों में रहते हैं.

कितनी जल्दी सपने देखने वाले से अपराधी बन सकता है?

जब व्यक्ति अनदेखा किया गया, अन्याय किया गया या भुला दिया गया महसूस करता है, तब मूल्य कितनी आसानी से पलट जाते हैं?

फ्रेडरिक शिल्लर की „Die Räuber“ के आधुनिक संस्करण में हम उन युवा लोगों की दुनिया में डूब जाते हैं जो स्वतंत्रता और जिम्मेदारी, वफादारी और धोखा, प्रेम और ग़ुस्से के बीच निर्णय लेते हैं। जो आदर्शवाद से शुरू होता है, क्या हिंसा में खत्म होता है या फिर न्याय में?

उग्रवाद, समूह दबाव और जलते सवाल:

कहाँ नैतिकता समाप्त होती है और जहाँ अपराध शुरू होता है?

अंत में दर्शक निर्णय लेते हैं:

क्या वह हत्या थी या नैतिकता?